Saturday, August 10, 2024

HAPPY INDEPENDENCE DAY    

Let us celebrate & enjoy the freedom to live independently in our country cheerfully, hopefully, peacefully by remembering our National Heroes who gave us freedom after suffering pain & humiliation. 


  




  












 










Friday, June 21, 2024

Thursday, April 11, 2024

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         डॉ. भीमराव  रामजी अम्बेडकर  जयंती - 14 अप्रैल

संविधान के निर्माता, दलितों के मसीहा और मानवाधिकार आंदोलन के प्रकांड विद्वता बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्मदिवस हर साल 14 अप्रैल को मनाया जाता है| डॉ. अंबेडकर की जयंती पर उनके जनकल्याण के लिए किए गए अभूतपूर्व योगदान को याद किया जाता है| सहृदय नेता डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में स्थित महू में हुआ था जिसका नाम आज बदल कर डॉ.अंबेडकर नगर रख दिया गया था। डॉ भीमराव अंबेडकर जी का जन्म 14 अप्रैल 1891 में हुआ था। डॉ भीमराव अंबेडकर जाति से दलित थे। उनकी जाति को अछूत जाति माना जाता था। इसलिए उनका बचपन बहुत ही मुश्किलों में व्यतीत हुआ था। बाबासाहेब अंबेडकर सहित सभी निम्न जाति के लोगों को बहिष्कार, अपमान और भेदभाव का सामना करना पड़ता था।  भीमराव अंबेडकर संस्कृत पढ़ने के इच्छुक थे, परंतु छुआछूत की प्रथा के अनुसार और निम्न जाति के होने के कारण वे संस्कृत नहीं पढ़ सकते थे। परंतु ऐसी विडंबना थी कि विदेशी लोग संस्कृत पढ़ सकते थे। भीम राव आंबेडकर जीवनी में अपमानजनक स्थितियों का सामना करते हुए डॉ भीमराव अंबेडकर ने धैर्य और वीरता से अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त की और इसके बाद कॉलेज की पढ़ाई। डॉ भीमराव अंबेडकर ने 1915 में कोलंबिया विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए की शिक्षा ली। 1917 में पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर ली। नेशनल डेवलपमेंट फॉर इंडिया एंड एनालिटिकल स्टडी विषय पर उन्होंने शोध किया। 1917 में ही लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में उन्होंने दाखिला लिया |अपने युग के सबसे ज्यादा पढ़े लिखे राजनेता और एवं विचारक थे। भीम राव आंबेडकर कुल 64 विषयों में मास्टर थे, 9 भाषाओं के जानकार थे,विश्व के सभी धर्मों के रूप में पढ़ाई की थी। 

भीम राव आंबेडकर जीवनी: छुआछूत विरोधी संघर्ष

डॉ भीमराव अंबेडकर छुआछूत की पीड़ा को जन्म से ही झेलते आए थे। जाति प्रथा और ऊंच-नीच का भेदभाव वह बचपन से ही देखते आए थे और इसके स्वरूप उन्होंने काफी अपमान का सामना किया। डॉ भीमराव अंबेडकर ने छुआछूत के विरुद्ध संघर्ष किया और इसके जरिए वे निम्न जाति वालों को छुआछूत की प्रथा से मुक्ति दिलाना चाहते थे और समाज में बराबर का दर्जा दिलाना चाहते थे। 1920 के दशक में मुंबई में डॉ भीमराव अंबेडकर ने अपने भाषण में यह साफ-साफ कहा था कि “जहां मेरे व्यक्तिगत हित और देश हित में टकराव होगा वहां पर मैं देश के हित को प्राथमिकता दूंगा परंतु जहां दलित जातियों के हित और देश के हित में टकराव होगा वहां  मैं दलित जातियों को प्राथमिकता दूंगा।” वे दलित वर्ग के लिए मसीहा के रूप में सामने आए जिन्होंने अपने अंतिम क्षण तक दलितों को सम्मान दिलाने के लिए संघर्ष किया। सन 1927 में अछूतों को लेने के लिए एक सत्याग्रह का नेतृत्व किया। और सन 1937 में मुंबई में उच्च न्यायालय में मुकदमा जीत लिया।

पुरस्कार/सम्मान

बाबा साहेब आंबेडकर को अपने महान कार्यों के चलते कई पुरस्कार भी मिले थे, जो इस प्रकार हैं:

  • डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की स्मारक दिल्ली स्थित उनके घर 26 अलीपुर रोड में स्थापित की गई है।
  • अंबेडकर जयंती पर सार्वजनिक अवकाश रखा जाता है।
  • 1990 में उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया है।
  • कई सार्वजनिक संस्थान का नाम उनके सम्मान में उनके नाम पर रखा गया है जैसे कि हैदराबाद, आंध्र प्रदेश का डॉ. अम्बेडकर मुक्त विश्वविद्यालय, बी आर अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय- मुजफ्फरपुर।
  • डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा नागपुर में है, जो पहले सोनेगांव हवाई अड्डे के नाम से जाना जाता था।
  • अंबेडकर का एक बड़ा आधिकारिक चित्र भारतीय संसद भवन में प्रदर्शित किया गया है।
  • डॉ भीमराव अंबेडकर द्वारा लिखित पुस्तकें

    भीम राव आंबेडकर जीवनी में बाबासाहेब समाज सुधारक होने के साथ-साथ लेखक भी थे। लेखन में रूचि होने के कारण उन्होंने कई पुस्तकें लिखी। अंबेडकर जी द्वारा लिखित पुस्तकों की लिस्ट नीचे दी गई है-

    • भारत का राष्ट्रीय अंश
    • भारत में जातियां और उनका मशीनीकरण
    • भारत में लघु कृषि और उनके उपचार
    • मूलनायक
    • ब्रिटिश भारत में साम्राज्यवादी वित्त का विकेंद्रीकरण
    • रुपए की समस्या: उद्भव और समाधान
    • ब्रिटिश भारत में प्रांतीय वित्त का अभ्युदय
    • बहिष्कृत भारत
    • जनता
    • जाति विच्छेद
    • संघ बनाम स्वतंत्रता
    • पाकिस्तान पर विचार
    • श्री गांधी एवं अछूतों की विमुक्ति
    • रानाडे गांधी और जिन्ना
    • शूद्र कौन और कैसे
    • भगवान बुद्ध और बौद्ध धर्म
    • महाराष्ट्र भाषाई प्रांत
  • डॉ भीमराव अंबेडकर का निधन

    डॉ भीमराव अंबेडकर सन 1948 से मधुमेह (डायबिटीज) से पीड़ित थे और वह 1954 तक बहुत बीमार रहे थे। 3 दिसंबर 1956 को डॉ भीमराव अंबेडकर ने अपनी अंतिम पांडुलिपि बुद्ध और धम्म उनके को पूरा किया और 6 दिसंबर 1956 को अपने घर दिल्ली में अपनी अंतिम सांस ली थी। बाबा साहेब का अंतिम संस्कार चौपाटी समुद्र तट पर बौद्ध शैली में किया गया। इस दिन से अंबेडकर जयंती पर सार्वजनिक अवकाश रखा जाता है

  • बाबासाहेब अंबेडकर के बारे में रोचक तथ्य

    • भारत के झंडे पर अशोक चक्र लगवाने वाले डाॅ. बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर ही थे।
    • डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर लगभग 9 भाषाओं को जानते थे।
    • भीमराव अंबेडकर ने 21 साल की उम्र तक लगभग सभी धर्मों की पढ़ाई कर ली थी।
    • भीमराव अंबेडकर ऐसे पहले इन्सान थे जिन्होंने अर्थशास्त्र में PhD विदेश जाकर की थी।
    • भीमराव अंबेडकर  के पास लगभग 32 डिग्रियां थी।
    • बाबासाहेब आजाद भारत के पहले कानून मंत्री थे।
    • बाबासाहेब ने दो बार लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन दोनों बार हार गए थे।
    • भीमराव अम्बेडकर हिन्दू महार जाति के थे, जिन्हें समाज अछूत मनाता था।
    • भीमराव अम्बेडकर कश्मीर में लगी धारा नंबर 370 के खिलाफ थे।

Saturday, August 12, 2023

INDEPENDENCE DAY SPECIAL


Let's  celebrate & enjoy the freedom to live independently in our country cheerfully, hopefully, peacefully by remembering our National Heroes who gave us freedom after suffering pain & humiliation.